अस्सलाम वालेकुम, Araria.org पर मैं मो. सरफराज नशतर आपका तहे दिल से वेलकम करता हूँ। क्या आप जानना चाहते हैं कि, भारत में शबे बारात की सही तारीख क्या है?
इस आर्टिकल में हम आपको न सिर्फ़ सही तारीख़ बताएंगे, बल्कि ऐसे सबूत भी देंगे जो, आपको किसी भी कोई शक को दूर कर देगा।
आजकल इंटरनेट पर भ्रामक और कंप्यूटर-जेनरेटेड जानकारी का चलन बढ़ गया है।
2025 Mein, Subrat Kab Ki Hai?
इमारत-ए-शरिया, हिलाल कमेटी और जमात-ए-इस्लामी हिंद ने ऐलान कर दिया है कि इस्लामी कैलेंडर के आठवें महीने शअबान का चाँद आज 30 जनवरी 2025 को देखा गया है।
15 शअबान कब है? |
13 और 14 फरवरी 2025 |
लिहाज़ा, 31 जनवरी 2025 को पहली शअबान होगी और इस हिसाब से 15 शअबान, 14 फरवरी 2025 (जुमा की रात) को है। शबे बरात 13 फरवरी के शाम से शुरू हो जाएगा।
आपको बता दे कि इस्लामिक कैलेंडर का तारीख मगरिब के अजान के बाद, जब चांद दिखाई देता है, तब बदलता है। शबे बरात का त्योहार 13 फरवरी के शाम से शुरू होगा।
अंग्रेजी तारीख | इस्लामिक तारीख |
31 जनवरी 2025 | 01 शआबान 1446 |
01 फरवरी 2025 | 02 शआबान 1446 |
02 फरवरी 2025 | 03 शआबान 1446 |
03 फरवरी 2025 | 04 शआबान 1446 |
04 फरवरी 2025 | 05 शआबान 1446 |
05 फरवरी 2025 | 06 शआबान 1446 |
06 फरवरी 2025 | 07 शआबान 1446 |
07 फरवरी 2025 | 08 शआबान 1446 |
08 फरवरी 2025 | 09 शआबान 1446 |
09 फरवरी 2025 | 10 शआबान 1446 |
10 फरवरी 2025 | 11 शआबान 1446 |
11 फरवरी 2025 | 12 शआबान 1446 |
12 फरवरी 2025 | 13 शआबान 1446 |
13 फरवरी 2025 | 14 शआबान 1446 |
14 फरवरी 2025 | 15 शआबान 1446 |
शबे बरात: बख़्शिश और रहमतों की रात
शबे बरात इस्लाम में मग़फ़िरत, दुआ और रहमत की रात मानी जाती है। ये वो मुबारक रात है जब अल्लाह अपने बंदों पर रहमत की बारिश करता है, गुनाहों को माफ़ करता है और नेकियों में इज़ाफ़ा करता है।
अहादीस शरीफ़ा में आता है कि इस रात अल्लाह तआला अपने बंदों की तरफ़ रहमत भरी नज़रों से देखता है और गुनाहगारों को भी तौबा करने का मौक़ा देता है।
इसलिए इस रात इबादत, तिलावत-ए-क़ुरआन, ज़िक्र और दुआओं में मशग़ूल रहना सबसे बेहतरीन अमल है।
शबे बरात पर क्या करें?
✔ नफ़िल नमाज़ अदा करें और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी माँगें।
✔ क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करें और उसके मआनी पर ग़ौर करें।
✔ दरूद शरीफ़ और इसतिग़फ़ार की कसरत करें।
✔ अपने मरहूमीन (गुज़र चुके अहबाब) के लिए मग़फ़िरत की दुआ करें।
✔ अगर मुमकिन हो तो रोज़ा (सौम) रखें, क्यूंकि ये मुस्तहब (पसंदीदा) अमल है।
✔ कब्रिस्तान जाकर अपने बुज़ुर्गों के लिए फ़ातिहा पढ़ें, लेकिन किसी तरह के ग़लत रस्मों से बचें।
शबे बरात का रोजा कब रखा जाता है?
शबे बरात का रोज़ा 15 शाबान को रखा जाता है, यानी जिस रात शबे बरात होती है, उसके अगले दिन रोज़ा रखना मुस्तहब (पसंदीदा) माना जाता है।
शबे बरात के रोज़े की फज़ीलत
हदीस शरीफ़ में आता है कि रसूलुल्लाह ﷺ शाबान के महीने में अक्सर रोज़े रखते थे, और आपने इस महीने को रमज़ान की तैयारी का महीना बताया। 15 शाबान का रोज़ा रखने से इंसान के गुनाह माफ़ होते हैं और अल्लाह की ख़ास रहमत नसीब होती है।
रोज़े का सही तरीका:
- सहरी (सुबह फज्र से पहले) खाकर रोज़ा रखें।
- पूरे दिन अल्लाह की इबादत, ज़िक्र, तिलावत और दुआ में मशग़ूल रहें।
- इफ्तार (मग़रिब के वक्त) दुआ के साथ रोज़ा खोलें।
क्या रोज़ा ज़रूरी है?
शबे बरात के बाद 15 शाबान का रोज़ा रखना नफ्ल (ऐच्छिक) है, फर्ज़ नहीं, लेकिन इसे रखना बहुत फज़ीलत वाला अमल माना जाता है।
अगर मुमकिन हो, तो 13, 14 और 15 शाबान के तीन रोज़े रखना भी अच्छा माना जाता है, क्योंकि ये आय्याम-ए-बैज़ (हर इस्लामी महीने की 13, 14, 15 तारीख के रोज़े) होते हैं, जिन्हें नबी-ए-पाक ﷺ ने रखने की तालीम दी है।
अल्लाह हमें इस मुबारक दिन का रोज़ा रखने और इसकी बरकतें हासिल करने की तौफ़ीक़ अता फरमाए, आमीन!
शबे बरात को सही अंदाज़ में मनाएं
शबे बरात इबादत और मग़फ़िरत की रात है, न कि आतिशबाज़ी, शोर-शराबा या ख़्वामख़्वाह की रसमों का हिस्सा।
हमें चाहिए कि हम इस रात को पूरी संजीदगी और सादगी के साथ अल्लाह की इबादत में गुज़ारें, ताकि हमारी दुआएं क़ुबूल हों और हम अल्लाह की रहमत के हक़दार बन सकें।
इख़तिताम
तो 13 फरवरी 2025 की रात अपने आपको इबादत, दुआ और तौबा में मशग़ूल रखिए, ताकि अल्लाह की रहमतों और बरकतों से हमारी ज़िन्दगी रौशन हो जाए।
इस ख़ास मौके पर अपनी ख़ुद की मग़फ़िरत और अपने अज़ीज़-ओ-अक़ारिब की बख़्शिश के लिए दुआ करना न भूलें।
अल्लाह हम सबकी दुआओं को क़ुबूल फ़रमाए, आमीन!
शबे बरात का महत्व
शबे बरात का अपने इस्लाम में विशेष महत्व है। इस रात को इबादत और तौबा की रात माना जाता है, जिसमें हम मुसलमान अल्लाह से माफी मांगते हैं और अपनी गलतियों के लिए तौबा करते हैं।
इसे गुनाहों की माफी और रहमत की रात कहा जाता है। इस दिन लोग दुआएं करते हैं, कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों के लिए फातिहा पढ़ते हैं और गरीबों को दान देते हैं।
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Conclusion Points
वर्ष 2025 में, शबे बरात का त्यौहार 13 फरवरी को है। शबे बरात, इस्लामिक कैलेंडर के शआबान महीने में आता है, जो इस्लामी कैलेंडर का आठवां महीना है।
शआबान की 15वीं तारीख को शबे बरात मनाया जाता है, जिसे इबादत का त्योहार कहा जाता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर
सऊदी अरब में शबे बारात कब है 2025?
उत्तर – वर्ष 2025, शबे बरात सऊदी अरब में 13 फरवरी को है।
Shubh raat kab hai?
उत्तर – भारत में 2025 का शबे बारात 13 फरवरी को है।
Sobrat ka date and time kya hai?
उत्तर – शबे बरात का डेट 13 फरवरी को है। मगरिब की अजान से लेकर के सुबह फजर की अजान तक, इबादत की जाती है।
15 शआबान कब है?
उत्तर – आप अब जान गए होंगे की 15 शआबान को ही शबे बरात का त्यौहार मनाया जाता है! 2025 में यह तारीख 14 फरवरी को है।