आप में से बहुत से लोग हैं जो बिहार की चौहद्दी को कम शब्दों में अच्छे तरीके से जानना चाहते हैं। दोस्तों मैं आपका पूरा ध्यान रखा है, आपका समय बर्बाद नहीं करेंगे पूरा पढ़िए।
बिहार चौधरी क्या होता है?
चौहद्दी किसी स्थान के चारों ओर की सीमाओं को कहते हैं। यह उस स्थान के भौगोलिक क्षेत्र और उसके पड़ोसियों का निर्धारण करती है।
उदाहरण के लिए, अगर हम बिहार की बात करें, तो यह राज्य चारों दिशाओं में विभिन्न राज्यों और देश से घिरा है:
- उत्तर में नेपाल
- पश्चिम में उत्तर प्रदेश
- दक्षिण में झारखंड
- पूर्व में पश्चिम बंगाल।
चौहद्दी की जानकारी से हमें उस स्थान के भू-राजनीतिक संबंध और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को समझने में मदद मिलती है।
बिहार की चौहद्दी: विस्तृत जानकारी
उत्तर में नेपाल: बिहार के सात जिले—पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज—नेपाल से सटी सीमा साझा करते हैं।
दक्षिण में झारखंड: बिहार के आठ जिले—रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई, बांका, भागलपुर, कटिहार—झारखंड से सटे हैं।
पश्चिम में उत्तर प्रदेश: पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर, कैमूर और रोहतास—इन जिलों की सीमा यूपी से जुड़ी है।
पूरब में पश्चिम बंगाल: किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार, ये तीन जिले बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच गहरी सांस्कृतिक कड़ी हैं।
अंतरराष्ट्रीय सीमा: बिहार और नेपाल के बीच 601 किलोमीटर की सीमा है, जो न सिर्फ भूगोल, बल्कि व्यापार, पर्यटन और सीमा पार रिश्तों में अहम है। नेपाल से आने वाले पर्यटक बिहार के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का आनंद लेने आते हैं।
Conclusion Points
बिहार की चौहद्दी उसकी भूगोलिक स्थिति को स्पष्ट करती है, जो इस राज्य को चारों दिशाओं से अन्य राज्यों और देशों से जोड़ती है। नेपाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के साथ सीमाएं बिहार को एक रणनीतिक स्थान प्रदान करती हैं।
यह सीमा न केवल राज्य के राजनीतिक और व्यापारिक संबंधों को प्रभावित करती है, बल्कि यहां की सांस्कृतिक विविधता और आदान-प्रदान को भी बढ़ाती है।
बिहार की चौहद्दी हमें राज्य के सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक महत्व को समझने का मौका देती है।