नरपतगंज समाचार डेस्क: कलयुगी मां ने अपनी 10 साल की बेटी की हत्या कर दी, Araria में हैवानियत का वाक़या जो आपके दिल को दहला सकता है!
बिहार के अररिया जिले में नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के रामघाट पंचायत के वार्ड नंबर पांच में मंगलवार की देर रात, एक कलयुगी मां ने अपनी 10 वर्षीय छात्रा बेटी की घटनास्थल पर हत्या कर उसका शव फेंक दिया. परिजनों से मिले सूचना पर Narpatganj Police ने घटनास्थल पर पहुंचकर बेटी के शव को कब्जे में लिया है! शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. इस घटना के संबंध में मां की जांच भी जारी है।
घटना के अनुसार, रामघाट पंचायत के वार्ड नंबर पांच में निवासी चंदन सिंह की दस वर्षीय पुत्री शिवानी कुमारी का शव मंगलवार की देर शाम उसके घर के पास मिला। शिवानी की मां ने मंगलवार की सुबह ही उसके गायब होने का रिपोर्ट नरपतगंज थाने में दर्ज कराया था। पुलिस तलाश में थी कि शाम में उसका शव घर के पास बरामद हुआ। शव की मिलने की सूचना पर आसपास के लोगों की भीड़ उमर गई। लोगों के बीच कई तरह की चर्चा हो रही थी।
वहीं, घटना की जानकारी मिलते ही फारबिसगंज डीएसपी खुशरु सिराज ने भी घटनास्थल पर जांच शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि बच्ची की हत्या के मामले में उसकी मां से पूछताछ जारी है और हत्या के आरोपी ने अपनी बयान दिया है। हालांकि, जांच पूरी नहीं होने तक किसी भी संबंध में कोई निश्चित बयान नहीं दिया जा सकता है।
इस मामले में प्रभारी थानाध्यक्ष सहवीर सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस ने कई बिंदुओं पर जांच की शुरुआत की है। वे परिजनों से पूछताछ भी कर रहे हैं। फारबिसगंज डीएसपी खुशरू सिराज ने कहा कि यह प्रथम दृष्टया हत्या का मामला है और जांच जारी है।
नोट: यह जानकारी खबर के स्रोत के आधार पर तैयार की गई है और अभी जांच पूरी नहीं हुई है। इसे सत्यापित होने तक किसी को मुजरिम करार ना दिया जाए।
अब मां अपने बच्चों की हत्या क्यों कर रही है?
मां द्वारा बच्चों की हत्या एक अत्यंत चिंताजनक और अस्वीकार्य कार्यवाही है जो नैतिकता और मानवीयता के खिलाफ है। इस प्रकार के क्रूर अपराधों के पीछे बहुत सारे कारण हो सकते हैं, जिनमें आमतौर पर मानसिक समस्याएं, मानसिक अस्वस्थता, जानबूझकर नहीं भी हो सकते हैं। ये तथ्यों और जांच के माध्यम से ही स्पष्ट हो सकते हैं कि इस प्रकार की हत्या के पीछे क्या वास्तविक कारण हैं।
विशेषज्ञों द्वारा अनुसंधान और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ बातचीत करके, इस तरह के क्रूर अपराधों के रोकथाम और उन्हें समझने के लिए ज़रूरी कदम उठाने होंगे। समाज को भी इस समस्या को समझने, शिक्षित करने, और ऐसी स्थितियों के बारे में अधिक जागरूक बनाने की ज़रूरत है। मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने और उचित सामर्थ्य के साथ समस्याओं का सामना करने की ज़रूरत है ताकि ऐसी दुर्भाग्यवश घटनाएं रोकी जा सकें और इस दिशा में प्रगति की जा सके।