1952 में स्वतंत्र उम्मीदवार जियाउर्रहमान से शुरू हुआ यह सफर 2015 व 2020 में आबिदुर रहमान (कांग्रेस) तक पहुंचा। विधायक बदलते रहे, लेकिन अररिया की राजनीति हमेशा दिलचस्प रही।
अररिया के विधायक कौन हैं?
अररिया जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से अररिया विधानसभा के वर्तमान विधायक आबिदुर रहमान (कांग्रेस) हैं। उनके परिवार की राजनीति में गहरी जड़ें हैं—दादा हाजी जियाउर्रहमान स्वतंत्रता सेनानी और विधायक थे।
अबीदुर रहमान |
अररिया के वर्तमान विधायक अबिदुर रहमान (कांग्रेस) ने 2020 के चुनाव में एक शानदार जीत हासिल की, अपने प्रतिद्वंद्वी को 47,936 वोटों से हराया था। |
उनका राजनीतिक सफर उनके परिवार की राजनीति की जड़ों से जुड़ा हुआ है—उनके दादा हाजी जियाउर्रहमान स्वतंत्रता सेनानी और विधायक रहे थे, जबकि उनके पिता, मोईदुर रहमान, भी जोकीहाट विधानसभा से विधायक रहे हैं। |
उन्हें कृषि और गाँवों के विकास में भी गहरी रुचि है, क्योंकि उनका परिवार भी कृषि से जुड़ा हुआ है। शिक्षा में, अबिदुर रहमान ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है, और उनका प्राथमिक ध्यान अररिया के सामाजिक और आर्थिक उत्थान पर है |
आगे के विधानसभा चुनावों में, उनकी राजनीति में और भी उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, क्योंकि अररिया की राजनीति हमेशा ही दिलचस्प रही है। 2025 के विधानसभा चुनाव में उनके राजनीतिक भविष्य पर नई बहस होगी, जब उनके खिलाफ विभिन्न दल और उम्मीदवार अपनी ताकत आजमाएंगे। |
अबिदुर रहमान का परिवार
- दादा: हाजी जियाउर्रहमान (विधायक अररिया विधानसभा)
- पिता: मोईदुर रहमान (विधायक जोकीहाट)
- पोता: अबिदुर रहमान (विधायक अररिया विधानसभा)
अररिया विधानसभा: विधायकों की सूची
- 1952 जियाउर्रहमान (स्वतंत्र)
- 1957 जियाउर्रहमान (कांग्रेस)
- 1962 बालकृष्ण झा (स्वतंत्र)
- 1967 शीतल प्रसाद गुप्ता (कांग्रेस)
- 1969 शीतल प्रसाद गुप्ता (कांग्रेस)
- 1972 आजम (सोशलिस्ट)
- 1977 श्रीदेव झा (कांग्रेस)
- 1980 तसलीमउद्दीन (जेएनपी)
- 1985 हलीमउद्दीन अहमद (कांग्रेस)
- 1990 विनोद कुमार राय (स्वतंत्र)
- 1995 विजय कुमार मंडल (बीपीपी)
- 2000 विजय कुमार मंडल (स्वतंत्र)
- 2005 फरवरी – प्रदीप कुमार सिंह (भाजपा)
- 2005 नवंबर – प्रदीप कुमार सिंह (भाजपा)
- 2009 विजय कुमार मंडल (लोजपा)
- 2010 जाकिर हुसैन खान (लोजपा)
- 2015 आबिदुर रहमान (कांग्रेस)
- 2020 आबिदुर रहमान (कांग्रेस)
- 2025 अगला चुनाव।
अगला विधानसभा चुनाव सितंबर 2025 में है। बदलते राजनीति परदेशी के अनुसार क्या अबीदुर रहमान कंटिन्यू कर पाएंगे?
अररिया जिले के 6 विधानसभा
- अररिया अबीदुर रहमान (कांग्रेस)
- फारबिसगंज: विद्यासागर केसरी (भाजपा)
- नरपतगंज: जय प्रकाश यादव (भाजपा)
- रानीगंज: अचमित ऋषिदेव (जदयू)
- जोकीहाट: शाहनवाज (एआइएमआइएम)
- सिकटी: विजय कुमार मंडल (भाजपा)
अररिया जिले में महागठबंधन वर्सेस NDA: राजनीतिक समीकरण का खेल
अररिया जिले की 6 विधानसभा सीटों में राजनीति का अखाड़ा हर बार दिलचस्प रहता है।
- एनडीए (भाजपा और जदयू): 3 सीटों पर कब्जा (नरपतगंज, सिकटी, रानीगंज)।
- महागठबंधन (राजद और कांग्रेस): 1 सीट (अररिया, कांग्रेस के आबिदुर रहमान)।
- एआइएमआइएम: 1 सीट (जोकीहाट, शाहनवाज)।
- निर्दलीय खेल: यहां के मतदाता हर बार कुछ नया कर दिखाने में माहिर हैं।
एनडीए का दबदबा है, लेकिन महागठबंधन और एआइएमआइएम अपनी जमीन बचाने की जद्दोजहद में लगे हैं। अगले चुनाव में बाजी पलटने का खेल जारी रहेगा।
Conclusion Points
अररिया जिले की राजनीति एक दिलचस्प मिश्रण है, जहां हर चुनाव नई कहानियां लिखता है। एनडीए का प्रभाव तीन सीटों पर स्पष्ट है, लेकिन महागठबंधन और एआइएमआइएम के लिए संभावनाएं बनी हुई हैं।
कांग्रेस के आबिदुर रहमान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उनके परिवार का राजनीतिक योगदान इस क्षेत्र में गहराई से जुड़ा है। हालांकि, 2025 के चुनाव में उनकी स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
अररिया का राजनीतिक भविष्य जातीय समीकरण, विकास कार्य, और गठबंधन की रणनीतियों पर निर्भर करेगा। यहां खेल अब भी जारी है!